धरती पर अाखिर काैन था AIDS का पहला मरीज? ये तीन कहानियां हैं प्रचलित

लम्बे समय से ये कहानियां साइंटिस्ट्स के बीच डिबेट का मुद्दा रही हैं। एड्स के सबसे पहले मरीज़ काे लेकर अाज भी बहस जारी है।


जानलेवा बीमारी एड्स की शुरुआत को लेकर लम्बे समय से कई मत रहे है। एक मत है कि 24अप्रैल 1980 यानी अाज के दिन सेन फ्रांसिस्को में केन होर्न नाम के व्यक्ति में पहली बार एड्स के लक्षण दिखाई दिए थे। वहीं दूसरा मत है कि ये सबसे पहले कैमरून नाम के शिकारी काे हुअा था। कहानी यहीं खत्म नहीं हाेती, इस बीमारी काे फैलाने का दाेषी एक 'गे' काे भी ठहराया जाता है। आइए जानते है एड्स को लेकर 

प्रचलित ये तीन कहानियां...


- इस बीमारी पर हुई सबसे पहली रिसर्च कहती है कि एड्स चिंपांजी की वजह से हुआ। रिसर्च के मुताबिक, साल 1908 में एक घायल चिंपांजी ने एक शिकारी को खरोंचा या काटा था। जिसके कारण उसका खून शिकारी के अंदर चला गया था। उस खून के कारण वह इंफेक्शन फैल गया। माना जाता है कि शिकारी कैमरून के जंगलों में चिंपांजी का पीछा कर रहा था।
एक 'गे' ने फैलाया था एड्स?
1980 में Gaetan Dugas नाम के गे व्यक्ति को एड्स फैलाने का दोषी ठहराया जाता है। गैटन एक कैनेडियन फ़्लाइट अटेंडेंट था, जिसने अमेरिका के कई लोगों को इन्फेक्ट करने के लिए जानबूझ संबंध बनाए थे। इस कारण इस व्यक्ति को 'पेशेंट जीरो' का नाम दिया गया था। अमेरिका के डॉक्टर्स ने सबसे पहले इस वायरस को नोटिस किया था। अगले 10 सालों में इस वायरस के कारण अमेरिका में कम से कम 60 हजार मौत हुई हैं।
तो क्या है सच ?
लम्बे समय से ये तीन कहानियां साइंटिस्ट्स के बीच डिबेट का मुद्दा रही हैं। एड्स के सबसे पहले मरीज़ काे लेकर अाज भी बहस जारी है और आज भी ये एक पहेली है।
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